उपभोक्ता का संतुलन - उपभोक्ता के संतुलन से अभिप्राय उस स्थिति से होता है जिस पर उपभोक्ता को अधिकतम संतुष्टि प्राप्त होती है और दी गई कीमतों और उसकी दी गई आय पर वह इसमें कोई परिवर्तन नहीं करना चाहता है।
बजट रेखा और अनधिमान मानचित्र के विश्लेषण से उपभोक्ता के संतुलन के बिंदु को प्राप्त किया जाता है। अनधिमान वक्र के विश्लेषण के रूप में उपभोक्ता संतुलन की स्थिति में तब होगा जब संतुलन की दोनों शर्ते पूरी होती हैं।
उपरोक्त चित्र में IC1, IC2 और IC3 तीन अनधिमान वक्र है और AB बजट रेखा है यह तीनों अनधिमान वक्र संतुष्टि के विभिन्न स्तर को दर्शाते हैं IC3 वक्र संतुष्टि के अधिकतम स्तर को दर्शाता है परंतु बजट रेखा के अवरोध के कारण उपभोक्ता जिस उच्चतम अनधिमान वक्र पर पहुंच सकता है वह IC2 है 'E' बिंदु बजट रेखा और अनधिमान वक्र IC2 का स्पर्श बिंदु है यह उपभोक्ता के संतुलन का बिंदु है जहां उपभोक्ता को उसकी सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि प्राप्त होती है उपभोक्ता X वस्तु की OM और Y वस्तु की ON मात्रा खरीदता है E बिंदु उपभोक्ता के संतुलन का बिंदु है जहां उपभोक्ता के संतुलन की दोनों शर्तें पूरी होती हैं
बजट रेखा और अनधिमान मानचित्र के विश्लेषण से उपभोक्ता के संतुलन के बिंदु को प्राप्त किया जाता है। अनधिमान वक्र के विश्लेषण के रूप में उपभोक्ता संतुलन की स्थिति में तब होगा जब संतुलन की दोनों शर्ते पूरी होती हैं।
उपभोक्ता के संतुलन की शर्तें
- बजट रेखा तथा अनधिमान वक्र एक दूसरे को स्पर्श करनी चाहिए। अर्थात बजट रेखा का ढाल तथा अनधिमान वक्र का ढाल दोनों बराबर होने चाहिए। MRS=Px/Py
- MRS लगातार गिरती हो। अर्थात अनधिमान वक्र मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर हो।
उपरोक्त चित्र में IC1, IC2 और IC3 तीन अनधिमान वक्र है और AB बजट रेखा है यह तीनों अनधिमान वक्र संतुष्टि के विभिन्न स्तर को दर्शाते हैं IC3 वक्र संतुष्टि के अधिकतम स्तर को दर्शाता है परंतु बजट रेखा के अवरोध के कारण उपभोक्ता जिस उच्चतम अनधिमान वक्र पर पहुंच सकता है वह IC2 है 'E' बिंदु बजट रेखा और अनधिमान वक्र IC2 का स्पर्श बिंदु है यह उपभोक्ता के संतुलन का बिंदु है जहां उपभोक्ता को उसकी सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि प्राप्त होती है उपभोक्ता X वस्तु की OM और Y वस्तु की ON मात्रा खरीदता है E बिंदु उपभोक्ता के संतुलन का बिंदु है जहां उपभोक्ता के संतुलन की दोनों शर्तें पूरी होती हैं
- MSR=Px/Py अर्थात बजट रेखा और अनधिमान वक्र एक दूसरे को स्पर्श करती है।
- अनधिमान वक्र मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर है अर्थात MRS गिरती है।
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अच्छा
ReplyDelete👍
ReplyDelete👍👍👍
ReplyDeleteSir pura crystal clear Ho Gaya
ReplyDelete👍👍👍👍
ReplyDeleteSo easy😎
ReplyDeletesatisfiedable
ReplyDeleteTo bad
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