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इतिहास-प्रथम विश्वयुद्ध(1914-1918)

  • प्रथम विश्वयुद्ध को महायुद्ध सभी युद्ध को समाप्त करने वाला युद्ध और वैश्विक युद्ध के नाम से भी जाना जाता है प्रथम विश्वयुद्ध नेपोलियन युग के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय विवाद था इसमें सभी महाशक्तियां शामिल हुए।

प्रथम विश्वयुद्ध 18 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला।

जनहानि

प्रथम विश्वयुद्ध में 17 मिलियन लोगों की मौत हुई जिसमें से 11 मिलियन लड़ाकू थे और 6 मिलियन नागरिक थे। और 20 मिलियन लोग घायल हुए।

विद्रोहियों (The belligerents)

मित्र शक्तियों(Allied power)

  • रुस
  • फ्रांस
  • ब्रिटेन
  • USA (1917-1918)
  • जापान

धुरी शक्ति(central power)

  • ऑस्ट्रिया हंगरी 
  • जर्मनी 
  • ऑटोमन साम्राज्य

प्रथम विश्वयुद्ध के कारण।

संधियाँ 

सत्ता के संतुलन को बनाए रखने के लिए 19वीं शताब्दी में यूरोप में कई संधियां हुई। जिनमें से मुख्य दो निम्नलिखित हैं।

त्रि-गुट(Triple alliance) 1882

  1. जर्मनी 
  2. ऑस्ट्रिया हंगरी 
  3. इटली

 त्रिक मैत्री

  1. फ्रांस 
  2. ब्रिटेन
  3.  रूस

सैन्यवाद 

18 ईसवी के बाद से ही सभी देशों ने सेना के निर्माणों पर अत्यधिक धन खर्च साथ ही इन देशों के मध्य सेना के आधुनिकरण के लिए होड़ सी लग गई। जिससे यूरोप क्रमश: एक सैनिक शिविर के रूप में बदल गया इस प्रकार सैन्यवाद घटनाओं को बढ़ाने में और भी योगदान दिया।

राष्ट्रवाद


युद्ध के लिए उत्तरदायी एक अन्य अत्यंत प्रमुख कारण राष्ट्रवाद की लहर जिसने समूचे युरोप को अपने आगोश में ले लिया। जर्मनी व इटली के एकीकरण मुख्यतः इस कारण से प्राय हो पाए थे कि बिस्मार्क व कावूर राष्ट्रवाद की भावना करने में सफल हुए थे। राष्ट्रवाद का जबरदस्त उत्साह था जिसने जर्मनी व ब्रिटेन की प्रतिस्पर्धाओं को मजबूत किया और उन्हें जोरदार नौसैनिक व सैनिक स्पर्धा में शामिल होने को प्रोत्साहित किया। यह आक्रमक राष्ट्रवाद था जिसने यूरोपीय शक्तियों को एशिया, अफ्रीका व बाल्कन में अपने स्वार्थों के लिए झगड़ने की ओर अग्रसर किया।

 साम्राज्यवाद

19वीं सदी में यूरोप के समुद्रपारीय विस्तार ने महाशक्तियों के बीच नई समाजवादी प्रतिस्पर्धाओं को अग्रसर किया। साम्राज्यवादी देशों के मध्य प्रतिस्पर्धा की भावना ने युद्ध के बीज बो दिए थे। उन्नीसवीं सदी के अंत तक एशिया तथा अफ्रीका के अधिकतर भाग महाशक्तियों के मध्य विभाजित हो चुका था। इस स्थिति में एक साम्राज्यवादी देश दूसरे साम्राज्यवादी देश से उनका उपनिवेश छीनने  की कोशिश में लगा रहता था।

तत्कालिक कारण

18 जून 1914 को सराजेवो में आर्कड्यूक फ्रांसेस फडिरनेंड एवं उसकी पत्नी की हत्या ने युद्ध के लिए तत्कालिक अवसर प्रदान किया। सराजेवो बोस्निया की राजधानी थी जिस पर कुछ वर्ष पहले ऑस्ट्रिया हंगरी द्वारा कब्जा कर लिया गया था। हत्या का षड्यंत्रकारी 'काला हाथ' या 'मृत्यु संघ' नामक उग्रवादी सर्बियाई राष्ट्रवादियों का एक गुप्त संगठन था जिसका लक्ष्य सभी सर्बियाइयों को एक पथक् सर्बियाई राज्य में एकजुट करना था।

युद्ध का आरंभ

  • 4 जुलाई 1914 को ,ऑस्ट्रेलिया के फ्रांज लोसेफ ने बाल्कन में एक शक्ति घटक के रूप में सर्बिया पर काबू पाने के लिए जर्मन समर्थन की मांग करते हुए कैसर विलियम को एक पत्र भेजा।
  • जर्मनी ने सर्बिया के साथ युद्ध आरम्भ करने के लिए ऑस्ट्रिया को 'कोरे चेक' के रूप में प्रसिद्ध मुक्तहस्त दिया।
  • हत्या में सर्बिया की संलग्नता को स्वीकार करते हुए , ऑस्ट्रिया ने 11 मांगों रखते हुए सर्बिया को 23 जुलाई को एक अंतिमेत्थम् दिया।
  • 25 जुलाई को सर्बिया के जवाब ने ऑस्ट्रिया को संतुष्ट नही किया।
  • ऑस्ट्रिया ने 28 जुलाई को सर्बिया के साथ युद्ध की घोषण कर दी।
  • रूस ने ऑस्ट्रिया के खिलाफ सर्बिया का समर्थन किया।
  • जर्मनी को विश्वास हो चूका था कि उसके और रूस की बीच युद्ध की स्थिति में फ्रांस जर्मनी के खिलाफ रूस से हाथ मिलायेगा।

युद्ध का विस्तार

  • जर्मनी ने 1 अगस्त 1914 को रूस के साथ युद्ध की घोषण की।
  • लेकिन तत्काल जर्मन आक्रमण रूस पर नहीं बल्कि बेल्जियम व फ्रांस पर हुआ।
  • 3 अगस्त को जर्मनी ने फ्रांस से युद्ध की घोषणा कर दी।
  • जर्मन सेनाये 4 अगस्त को फ्रांस पर धावा बोलने के लिए बेल्जियम में घुस आए और उसी दिन ब्रिटेन ने जर्मनी के साथ युद्ध करने की घोषणा कर दी।
  • कई देश कई दूसरे देश से गरीबी युद्ध में शामिल हो गए ।
  • जापान ने जर्मनी से युद्ध की घोषणा कर दी है जापान का मुख्य लक्ष्य सुदूर पूर्व में जर्मनी क्षेत्र पर कब्जा करना था।
  • 1915 में इटली मित्र शक्तियों के साथ युद्ध में शामिल हो गया क्योंकि ब्रिटेन व फ्रांस ने उससे ऑस्ट्रेलिया व तुर्की क्षेत्रों का वादा किया था।
  • रोमानिया में यूनान भी मित्र शक्तियों की ओर से युद्ध में शामिल हो गया।
  • बुल्गारिया ने जर्मनी व ऑस्ट्रेलिया का साथ दिया। उसे सर्बिया व यूनान के क्षेत्र का वादा किया गया था।
  • तुर्की नवंबर में धुरी शक्तियों के साथ युद्ध में शामिल हो गया।
  • यूरोप के पश्चिमी मोर्चे पर युद्ध कब शुरू हुआ जब जर्मन सेनाये बेल्जियम को शान से आर पार करती हुई दक्षिणी फ्रांस में प्रविष्ट हुई और आरंभ में पेरिस के अति समीप पहुंच गई।

  • फ्रांसीसी सेना जर्मन सेना से मार्ने की लड़ाई में मिली।

  • इस लड़ाई में जर्मन सेना को पीछे हटना पड़ा और उन्होंने ऐस्ने नदी के साथ-साथ अपनी खाईबंदी कर ली।
  • स्विजरलैंड के साथ फ्रांस की दक्षिणी सीमा से उत्तरी समुद्री तट तक जर्मनी सेना ने खाइयों और कटीले तारों की लंबी कतार के पीछे खुद को गाड़ दिया।
  • 1915 में जर्मनी ने सेंध लगाने के लिए जहरीली गैसों का प्रयोग प्रारंभ किया।
  • 1916 में ब्रिटेन इसी उद्देश्य टैंकों को युद्ध मे उतार दिया।





युद्ध के समापक चरण

  1. 6 अप्रैल 1917 को संयुक्त राष्ट्र ने जर्मनी पर युद्ध घोषित कर दिया। संयुक्त राष्ट्र मित्र भाभी शक्तियों को हथियारों में अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का मुख्य स्रोत बन गया था। 7 मई 1915 को एक जर्मन पनडुब्बी ने ब्रितानी समुंद्री पर्यटन पोत ल्यूसी टैनिया को आयरलैंड के तट के पास डूबा दिया। इसमें कुल 12 मृतकों में 128 अमेरिकी नागरिक थे।
  2. रूसी क्रांतिकरियों ने प्रारंभ से ही युद्ध का विरोध किया था। 1917 अक्टूबर क्रांति के बाद रुस युद्ध से पीछे हट गया 3 मार्च 1918 को उसने जर्मनी के साथ ब्रेस्ट-लिटोव्स्क किस संधि पर हस्ताक्षर कर दिये और शांति के मूल्य के रूप में अपने कई क्षेत्र का परित्याग किया।

युद्ध का अंत

  • जर्मनी और ऑस्ट्रिया हंगरी में हड़तालों की लहर आई हुई थी और इनकी थलसेना व नौसेना में विद्रोह की झड़ी लग गई थी
  • 8 जनवरी 1918 को अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने स्थायी शांति के लिए एक खाका पेश किया। उनके 14 बिंदु उनकी इस समझ पर आधारित थे कि कैसे यह विशाल युद्ध प्रारंभ हुआ और कैसे भविष्य के युद्ध को टाला जा सकता है।
  • 29 सितंबर 2018 को  बुल्गारिया ने समर्पण आरंभ किया।
  • अक्टूबर की समाप्ति तक ऑटोमन साम्राज्य का अस्तित्व निरुद्ध हो गया।
  • ऑस्ट्रो हंगेरियाई सम्राज्य की अधिकांश प्रजा -चेक, पोल, यूगोस्लाविया और है हंगेरियाई पहले ही अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर चुकी थी।
  • 10 नवंबर 1918 को जर्मनी की अस्थायी सरकार के प्रतिनिधि और फ्रांस के जनरल फाॅश ने युद्ध विराम संधि पर हस्ताक्षर किये और प्रथम विश्व युद्ध अपनी समाप्ति तक पहुंच गया।

मानवीय जीवनों का विनाश 

  • इस युद्ध में एक करोड़ लोगों की जान चली गई और 3 करोड लोग घायल हो गये।
  • इस युद्ध में 500 दिन से अधिक समय तक लगभग 6000 व्यक्ति प्रतिदिन मारे जाते रहे
  • युद्ध के 4 वर्षों से अधिक समय में कम से कम 650 लाख सैनिकों की लामबंदी हुई।
  • मित्र राष्ट्रों की सेनाओं में सेवा करने वाले 420 लाख सैनिकों में 220 लाख हताहत हुए।
  • धुरी राष्ट्रीय ने 230 लाख सैनिकों की लामबंदी कि जिनमें 150 लाख  हताहत हुए।
  • मानवीय जीवन की इस भारी क्षति ने लिंग तथा आयु दोनों समूहों में जनसंख्या की संरचना को दुष्प्रभावित किया।
  • ब्रिटेन में 1911 में प्रति हजार पुरुषों पर 1067 महिलाओं की संख्या थी जबकि 1921 में लिंग अनुपात प्रति हजार पुरुषों पर 1093 महिलाओं की संख्या तक परिवर्तित हो गया।
  • युद्ध की अंतिम वर्षों में और इसके बाद इन्फ्लूएंजा महामारी में लगभग 270 लाख लोग मारे गए।

सांस्कृतिक व सामाजिक प्रभाव

  • युद्ध की वजह से महिलाओं ने सभी गतिविधियों में सहभागिता की और कारखानों, दुकानों, कार्यालयों,स्वैच्छिक सेवाओं, अस्पतालों और विद्यालयों में कार्य किया।
  • महिलाओं ने बहुत से स्त्री विरोधी मिथकों को मिथ्या करते हुए कारखानों और खेतों में कठोर कार्य को पूरा करने की अपनी योग्यताओं के साबित कर दिया।
  • 1918 तक जर्मन में क्रुप सैन्य सामग्री प्रतिष्ठान की 37.6 प्रतिशत कार्यबल स्त्रियां थी।
  • इंग्लैंड में महिला कामगारों का अनुपात सार्वजनिक परिवहन ,बैंकिंग ,वाणिज्य मैं आश्चर्यजनक रूप से बढ़ गया।
  • महिलाओं पर थोपे गए बहुत से प्रतिबंध युद्ध के दौरान लुप्त हो गए।
  • किसी युवा, कामकाजी, अकेली मध्यवर्गीय महिलाओं के लिए अपना घर रखना, बगैर किसी संरक्षिका के बाहर जाना और सार्वजनिक धूम्रपान करना अब स्वीकार्य बन गया।
  • युद्ध ने यूरोप के सांस्कृतिक ताने-बाने को नष्ट कर दिया।

आर्थिक प्रभाव

  • युद्ध में वह लोग थे जिन्होंने युद्ध से लाभ उठाएं और दूसरे वे लोग थे जिन्होंने मुद्रास्फीति के प्रभाव के अधीन पीड़ा उठाई।
  • ब्रिटेन में एक पाउंड 1914 में जो कुछ खरीद सकता था 1919 में वह उसके लगभग एक तिहाई पर आ गया था।
  • युद्ध के दौरान फ्रांस में कीमतें दोगुने के आस पास पहुंच गई और 1920 के दशक में यह सार्वजनिक बुरी अवस्था में आ गई।
  • अमेरिका की अर्थव्यवस्था और भी अधिक मजबूत हो गई थी।

राजनीतिक प्रभाव

  • सरकारों ने युद्ध के समर्थन के क्रम में लोगों को युद्ध का कायल बनाने और उन्हें सूचीबद्ध होने के लिए प्रभावित करने के उद्देश्य से समाचार माध्यमों का जमकर प्रयोग किया।
  • जर्मन दक्षिणी पंथियों ने 'फादरलैंड पार्टी' के नाम से एक नए सार्वजनिक दल का गठन किया।
  • 1918 तक 'फादरलैंड पार्टी' ,' सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी' की अपेक्षा विशालतर थी।
  • युद्ध ने दुनिया के केंद्र यूरोप को कमजोर किया और उसके परिरेखा पर स्थित उत्तरी अमेरिका और रूस तथा एशिया को मजबूत किया।
  • युद्ध के बाद की अवधि ने विश्व में यूरोप की श्रेष्ठता के अंत का आरंभ हुआ।
  • यूरोप आर्थिक और सैन्य दृष्टिकोण से अमेरिका के देशों से मात खा गया और अमेरिका युद्ध के बाद विश्व शक्ति के रूप में उभरा।
  • युद्ध के पश्चात्वर्ती समय ने एशिया और अफ्रीका में आजादी के आंदोलन को मजबूत भी किया।

पर्यावरणीय प्रभाव


  • खाइयों की खुदाई घास के मैदानों को रौंदने, वृक्षों और जानवरों के नाच तथा मिट्टी के मंथन का कारण बनी।
  • खाइयों के संजाल के विस्तार के लिए जंगलों की कटाई से मिट्टी का क्षरण हुआ।
  • विरोधी पक्षों के सैनिकों को मारने के लिए सारी खाइयों में गैस से फैलाई गई।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान प्रयुक्त गैसों में आंसू गैस, मस्टर्ड गैस, कार्बोनिल क्लोराइड आदि कुछ उदाहरण है
  • युद्धक्षेत्र प्रदूषित हुए और अधिकांश गैस वायुमंडल में घुल गई।
  • 1925 में अधिकांश युद्ध प्रतिभागियों ने गैस आधारित रासायनिक हथियारों के प्रयोग को प्रतिबंधित करने वाली संधि पर हस्ताक्षर किए।

शांति समझौते

  • प्रथम विश्वयुद्धोपरान्त मित्र राष्ट्रों ने धुरी राष्ट्रों पर शांति समझौतों की श्रृंखला थोप दी।
  • 1919 की वर्साई की संधि जिस पर हस्ताक्षर करने तक जर्मनी को अवरोधों के अधीन रखा गया था ने युद्ध का अंत कर दिया।
  • इसने जर्मनी को युद्ध के लिए उत्तरदाई ठहराया और जनमनी से प्रभूत युद्ध क्षतिपूर्ति के भुगतान एवं विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप इलाके देने की उपेक्षा की।
  • 1920 में सेप्रेस किस संधि द्वारा ऑटोमन साम्राज्य का विभाजन होना था।
  • सेप्रेस की संधि का तुर्की गणतंत्र आंदोलन द्वारा खारिज कर दी गई। यह तुर्की स्वतंत्रता आंदोलन और अंतत: लुसाने की संधि 1923 की ओर ले गई।
  • ऑस्ट्रिया हंगरी भी अधिकांशतः जातीय आधार पर विभाजित हुए। इसके विवरण सेन्ट-जर्मैन की संधि और ट्राइनान की संधि में सम्मिलित थे।

नई अंतर्राष्ट्रीय संस्था

  • युद्ध के बाद एक नई अंतर्राष्ट्रीय संघ अर्थात लीग ऑफ नेशन की स्थापना की गई।
  • यह 1919-1920 में वर्साई की संधि के परिणाम-स्वरुप गठित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन था।
  • लीग के लक्ष्यों में नि:शस्त्रीकरण, सामूहिक सुरक्षा द्वारा युद्ध-निरोध, वार्ताओं तथा कूटनीति द्वारा राष्ट्रों के मध्य विवादों का निपटारा और जीवन की वैश्विक गुणवत्ता में बेहतरीन सम्मिलित थे।
  • संघ शांति के संरक्षण के अपने सर्वोच्च दायित्व निर्वाह में असफल रहा।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के आरंभ ने बताया कि संघ अपने प्रारंभिक उद्देश्य में असफल रहा।

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मिट्टी मलवा, शैल और जैव सामग्री का मिश्रण होती है जो पृथ्वी की सतह पर विकसित होते हैं। मिट्टी के विज्ञान को पेडोलॉजी(Pedology) कहा जाता है  जनक सामग्री, उच्चावच, वनस्पति, जलवायु तथा अन्य जीव रूप और समय मृदा के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक हैं। मानवीय क्रियाएं भी अपर्याप्त सीमा तक इसे प्रभावित करती है। मिट्टी कि तीन परतें होती हैं जिन्हें संस्तर कहा जाता है। पहली संस्तर मिट्टी का सबसे ऊपरी खंड होता है। यह पौधे की वृद्धि के लिए आवश्यक जयाप्रदा तो का खनिज पदार्थ, पोषण तत्वों तथा जल से संयोग होता है। दूसरे संस्तर में जैव पदार्थ होते हैं तथा खनिज पदार्थों का अपक्षय स्पष्ट दिखाई देता है। तीसरे संस्तर की रचना ढीली जनक सामग्री से होती है। यह परत मिट्टी के निर्माण की प्रक्रिया में पहली अवस्था होती है। ऊपरी दो परते इसी से बनी होती है। परसों की इस व्यवस्था को मृदा परिच्छेदिका कहा जाता है। मृदा (मिट्टी) के प्रकार प्राचीन काल में मिट्टी को दो मुख्य भागों में विभाजित किया जाता था उर्वर, जो उपजाऊ थी और ऊसर जो बंजर थी। 16 वीं शताब्दी में मिट्टी का वर्गीकरण उनकी सहज विशेषताओ

वायुमंडल का संघटन तथा संरचना

पृथ्वी के चारों ओर सैकड़ों किलोमीटर की मोटाई में लपेटने वाले गैसीय आवरण को वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल विभिन्न गैसों का मिश्रण है और यह पृथ्वी को सभी औरों से ढके हुए हैं। इसमें मनुष्यों एवं जंतुओं के जीवन के लिए आवश्यक गैसें जैसे-ऑक्सीजन तथा पौधों के जीवन के लिए कार्बन डाइऑक्साइड मिलते हैं। वायु पृथ्वी के द्रव्यमान का अभिन्न अंग है तथा इसके कुल द्रव्यमान का 99% पृथ्वी की सतह से 32 किलोमीटर की ऊंचाई तक विद्यमान हैं है। वायु रंगहीन तथा गंधहीन होती है तथा जब यह पवन की भांति बहती है तब हम इसे अनुभव करते हैं। वायुमंडल का संघटन वायुमंडल का निर्माण जलवाष्प, गैसों एवं धूल कणों से होता है। वायुमंडल के ऊपरी परतों में गैसों का अनुपात इस प्रकार परिवर्तित होता है जैसे कि 120 किलोमीटर ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा शुन्य हो जाती है। कार्बन डाइऑक्साइड एवं जलवाष्प पृथ्वी की सतह से 90 किलोमीटर की ऊंचाई तक ही मिलते हैं। गैसें वायुमंडल में बहुत से प्रकार की गैसे पाई जाती हैं उनमें से कुछ मुख्यता है। मौसम विज्ञान की दृष्टि से कार्बन डाइऑक्साइड अति महत्वपूर्ण गैस है। क्योंकि यह सौर