माँग का अर्थ - माँग एक वस्तु की वह मात्रा है जिसे एक उपभोक्ता एक निश्चित समय अवधि में प्रत्येक संभव कीमत पर खरीदने को इच्छुक और समर्थ हैं।
मांग की परिभाषा मांग के चार आवश्यक तत्वों पर रोशनी डालती है।
1. वस्तु की मात्रा 2. खरीदने की तत्परता
3. वस्तु की कीमत 4. समय अवधि
मांग के निर्धारक (व्यक्तिगत मांग) या मांग फलन
एक वस्तु की मांग बहुत से कामों से बढ़िया घट जाती है मांग को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की व्याख्या नीचे की गई है।
1. दी गई वस्तु की कीमत
- दी गई वस्तु की कीमत मांग को प्रभावित करने वाले बहुत महत्वपूर्ण कारक है।
- समानता कीमत और मांगी गई मात्रा के बीच विपरीत संबंध देखने को मिलता है इसका अर्थ है कि जब कीमत बढ़ती है तब उपभोक्ता के संतुष्टि के स्तर में कमी के कारण मांगी जाने वाली मात्रा कम हो जाती है इसके विपरीत कीमत में कमी से होता है जब मांगे जाने वाली मात्रा बढ़ जाती है।
- उदाहरण के लिए यदि एक दी गई वस्तु (जैसे चाय) की कीमत बढ़ती है तब इसकी मां की जाने वाली मात्रा कम हो जाएगी क्योंकि कीमत में वृद्धि के कारण चाय से प्राप्त होने वाली संतुष्टि कम हो जाएगी।
2. संबंधित वस्तुओं की कीमत
- दी गई वस्तु की मांग संबंधित वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन से भी प्रभावित होती है।
- संबंधित वस्तुएं दो प्रकार की होती हैं 1. प्रतिस्थापन या स्थानापन्न वस्तुएं, 2. पूरक वस्तुएं।
1. प्रतिस्थापन या स्थानापन्न वस्तुएं
- प्रतिस्थापन वस्तुएं वह वस्तुएं होती हैं जिन्हें एक विशेष आवश्यकता की पूर्ति के लिए एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग में लाया जाता है जैसे चाय और कॉफी।
- प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में वृद्धि दी गई वस्तु की मांग में वृद्धि कर देती है और ऐसा ही इसके विपरीत होता है।
- उदाहरण के लिए यदि एक प्रतिस्थापन वस्तु (जैसे कॉफी) की कीमत बढ़ जाती है तब दी गई वस्तु (जैसे चाय) की मांग बढ़ जाएगी क्योंकि चाय और कॉफी की तुलना में सस्ती हो जाएगी।
- इस कारण दी गई वस्तु की मांग प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में परिवर्तन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती है।
- वहीं अगर प्रतिस्थापन वस्तुओं (जैसे कॉफी) की कीमत कम हो जाती है तब दी गई वस्तु (जैसे चाय) की मांग कम हो जाएगी क्योंकि चाय और कॉफी की तुलना में महंगी हो जाएगी।
2. पूरक वस्तुएं
- पूरक वस्तु वह वस्तुएं होती हैं जिनका प्रयोग एक साथ एक विशेष आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जाता है जैसे चाय और चीनी।
- पूरक वस्तुओं की कीमत में वृद्धि से दी गई वस्तु की मांग में कमी हो जाती है और ऐसा ही इसके विपरीत होता है।
- उदाहरण के लिए यदि एक पूरक वस्तु (जैसे चीनी) की कीमत बढ़ती है तब की गई वस्तु (जैसे चाय) की मांग कम हो जाएगी क्योंकि दोनों वस्तुओं को एक साथ उपयोग करना अब अपेक्षाकृत महंगा हो जाएगा।
- अतः एक दी गई वस्तु की मांग पूरक वस्तुओं की कीमत में परिवर्तन से विपरीत रूप से प्रभावित होती है|
उपभोक्ता की आय
- एक वस्तु की मांग उपभोक्ता की आय से भी प्रभावित होती है।
- आय में परिवर्तन का मांग पर प्रभाव वस्तु की प्रकृति पर निर्भर करता है।
- यदि दी गई वस्तु एक सामान्य वस्तु है तब आय में वृद्धि इसकी मांग में वृद्धि कर देती है जबकि आय में कमी मांग में कमी कर देती है।
- दी गई वस्तु एक घटिया वस्तु है तब आय में वृद्धि मांग में कमी कर देती है जबकि आय में कमी मांग में वृद्धि कर देती है।
अभिरुचियाँ और प्राथमिकताएं
- उपभोक्ता की अभिरुचियां और प्राथमिकताएं एक वस्तु की मांग को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।
- इसमें फैशन रिवाज आदतें आदि में परिवर्तन शामिल हैं।
- यदि एक वस्तु फैशन में है या उपभोक्ता द्वारा इसे प्राथमिकता दी जाती है तब ऐसी वस्तु की मांग बढ़ जाती है।
- दूसरी ओर यदि उपभोक्ता की वस्तु में कोई रुचि ना हो, तो उस वस्तु की मांग गिर जाती है।
भविष्य में कीमत परिवर्तन की प्रत्याशा
- यदि किसी वस्तु की कीमत निकट भविष्य मैं बढ़ने की संभावना हो तब लोग उसकी सामान्यता अफरीदी जाने वाली मात्रा से अधिक मात्रा खरीदेंगे।
- वर्तमान अवधि में भविष्य में कीमत परिवर्तन की संभावना और मांग में परिवर्तन के बीच प्रत्यक्ष संबंध होता है।
- उदाहरण के लिए यदि भविष्य में पेट्रोल की कीमत बढ़ने की संभावना हो तो वर्तमान में इसकी मांग बढ़ जाएगी।
बाजार मांग के निर्धारक
- बाजार मांगे वस्तु की व्यक्तिगत मांग को प्रभावित करने वाले सभी कारकों से प्रभावित होती है इसके अलावा यह निम्न कारकों से भी प्रभावित होती है।
जनसंख्या का आकार और संरचना
- एक वस्तु की बाजार मांग देश की जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है ।
- जनसंख्या में वृद्धि बाजार मांग को बढ़ा देती है।
- जनसंख्या में कमी बाजार मांगो कम कर देती है।
- जनसंख्या की संरचना अर्थात जनसंख्या में पुरुष महिलाएं बच्चे और वृद्ध व्यक्तियों की संख्या का अनुपात भी एक वस्तु की बाजार मांग को प्रभावित करता है।
- उदाहरण के लिए यदि बाजार में महिलाओं का अनुपात अधिक हो तब उनके उपयोग की वस्तुओं जैसे लिपस्टिक साड़ी आदि की मांग अधिक होगी।
मौसम और जलवायु
- मौसम और जलवायु की स्थिति भी बाजार मांग को प्रभावित करती है।
- उदाहरण के लिए ठंड में गर्म कपड़ों और जैकेट की मांग बढ़ जाती है जबकि वर्षा ऋतु में छाते और रेनकोट की मांग बढ़ जाती है।
आय का वितरण
- यदि देश में आय का एक समान वितरण है तो वस्तु की बाजार मांग अधिक होगी।
- परंतु यदि आय का वितरण असामान्य है अर्थात लोग या तो बहुत अमीर है या बहुत गरीब है तब बाजार मांग निम्न स्तर की होगी।
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