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क्वाड देशों की पहली इन-पर्सन बैठक

  • अमेरिका में ‘क्वाड’ नेताओं की पहली इन-पर्सन बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के दौरान सामरिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 महामारी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

QUAD

प्रमुख बिंदु

  • पृष्ठभूमि
    • गौरतलब है कि नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिये एक नई रणनीति विकसित करने हेतु लंबे समय से लंबित ‘क्वाड’ की स्थापना के प्रस्ताव को आकार दिया था।
      • चीन लगभग संपूर्ण विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं।
      • दक्षिण चीन सागर, पश्चिमी प्रशांत महासागर का एक हिस्सा है।
    • वर्ष 2020 में त्रिपक्षीय भारत-अमेरिका-जापान मालाबार नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल किया गया था, जो कि वर्ष 2017 में क्वाड के पुनरुत्थान के बाद से इसके पहले आधिकारिक समूह को चिह्नित करता है।
      • इसके अलावा यह एक दशक में चार देशों के बीच पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
    • मार्च 2021 में क्वाड नेताओं ने वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया और बाद में 'द स्पिरिट ऑफ द क्वाड' शीर्षक से एक संयुक्त बयान भी जारी किया, जिसमें समूह के दृष्टिकोण एवं उद्देश्यों को रेखांकित किया गया था।
    • वहीं इस हालिया बैठक से पूर्व ऑस्ट्रेलिया-ब्रिटेन-अमेरिका (AUKUS) ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिये एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है।
  • हालिया ‘क्वाड’ समिट की प्रमुख विशेषताएँ:
    • इस दौरान अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई और दक्षिण एशिया में सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की गई।
    • क्वाड वैक्सीन पहलइस पहल के तहत क्वाड देशों ने ‘कोवैक्स’ (Covax) के माध्यम से वित्तपोषित वैक्सीन के अलावा वैश्विक स्तर पर 1.2 बिलियन से अधिक कोविड-19 वैक्सीन दान करने का संकल्प लिया है।
    • बिल्डिंग बैक हेल्थ सिक्योरिटी: बैठक के दौरान वायरल जीनोमिक निगरानी में सुधार करने तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘वैश्विक इन्फ्लूएंज़ा निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली’ (GISRS) का विस्तार करने का आह्वान किया गया।
    • क्वाड इंफ्रास्ट्रक्चर कोऑर्डिनेशन ग्रुप: G7 समूह ने हाल ही में ‘बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड’ (B3W) पहल की घोषणा की है।
      • इसी तर्ज पर क्वाड समूह ‘क्वाड इंफ्रास्ट्रक्चर कोऑर्डिनेशन ग्रुप’ के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण बुनियादी अवसंरचना की स्थापना करेगा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये नए अवसरों की पहचान करेगा।
    • जलवायु परिवर्तन से निपटना: इस संदर्भ में क्वाड देशों ने निम्नलिखित की स्थापना की परिकल्पना की है:
      • ग्रीन-पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की तैनाती हेतु ग्रीन-शिपिंग नेटवर्क
      • अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों में मौजूदा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय हाइड्रोजन पहलों का लाभ उठाते हुए स्वच्छ-हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी की लागत को कम करने हेतु स्वच्छ-हाइड्रोजन साझेदारी
      • महत्त्वपूर्ण जलवायु सूचना-साझाकरण और आपदा के प्रति लचीली बुनियादी अवसंरचना में सुधार करके जलवायु परिवर्तन हेतु भारत-प्रशांत क्षेत्र के जलवायु अनुकूलन, लचीलापन और तैयारी को बढ़ाना।
      • इसके अलावा ‘क्वाड’ देश ‘कोप-26’ (COP-26) के माध्यम से महत्त्वाकांक्षी NDCs (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) को अपडेट करने का प्रयास करेंगे।
    • क्वाड फेलोशिप: क्वाड फेलोशिप के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका में अग्रणी STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित कार्यक्रमों) स्नातक विश्वविद्यालयों में परास्नातक और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के लिये प्रतिवर्ष प्रत्येक क्वाड देश से 25 और कुल 100 छात्रों को प्रायोजित किया जाएगा।
    • सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला पहल: इसके तहत क्षमता को मापने, कमज़ोरियों की पहचान करने और अर्द्धचालकों एवं उनके महत्वपूर्ण घटकों के लिये आपूर्ति-शृंखला सुरक्षा को मज़बूत करने के लिये एक संयुक्त पहल की जाएगी।
      • पहल यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि क्वाड पार्टनर एक विविध और प्रतिस्पर्द्धी बाज़ार का समर्थन करते हैं जो विश्व स्तर पर डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं के लिये आवश्यक सुरक्षित महत्वपूर्ण तकनीकों का सृजन करते हैं।
    • महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियाँ: 5G परिनियोजन के शुभारंभ की घोषणा और सिंथेटिक जीव विज्ञान, जीनोम अनुक्रमण और जैव निर्माण सहित उन्नत जैव प्रौद्योगिकी में रुझानों की निगरानी के लिये आह्वान।
    • क्वाड सीनियर साइबर ग्रुप: यह ग्रुप साझा साइबर मानक; सुरक्षित सॉफ्टवेयर का विकास; कार्यबल और प्रतिभा का निर्माण; सुरक्षित एवं भरोसेमंद डिजिटल बुनियादी  अवसंरचना की मापनीयता तथा साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने जैसे उद्देश्यों को पूरा करने हेतु बनाया जाएगा।
    • सैटेलाइट डेटा शेयरिंग: क्वाड पहली बार एक नए कार्य समूह के साथ अंतरिक्ष सहयोग शुरू करेगा।
      • इसके अनुसरण में क्वाड देश पृथ्वी अवलोकन उपग्रह डेटा और जलवायु परिवर्तन जोखिमों तथा महासागरों एवं समुद्री संसाधनों के सतत् उपयोग पर विश्लेषण के आदान-प्रदान के लिये चर्चा शुरू करेंगे।

आगे की राह 

  • स्पष्ट विज़न की आवश्यकता: क्वाड राष्ट्रों को सभी के आर्थिक और सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक ढाँचे में इंडो-पैसिफिक विज़न को बेहतर ढंग से समझने की ज़रूरत है।
    • यह तटीय राज्यों को आश्वस्त करेगा कि क्वाड क्षेत्रीय लाभ का एक कारक होगा और चीनी आरोप कि यह किसी प्रकार का सैन्य गठबंधन है, में कोई सत्यता नहीं है।
  • क्वाड में वृद्धि: इंडो-पैसिफिक में भारत के कई अन्य साझेदार हैं, इसलिये भविष्य में शामिल होने के लिये इंडोनेशिया, सिंगापुर जैसे देशों को भारत को आमंत्रित करना चाहिये।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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