- दंतक परियोजना जो कि सीमा सड़क संगठन की सबसे पुरानी परियोजना में से एक है ने भूटान में अपने डायमंड जुबली मनाई।
- भूटान में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करते समय 12 से अधिक दंतक कर्मियों की मृत्यु हो गई थी।
दंतक परियोजना
- इस परियोजना की स्थापना 24 अप्रैल 1961 को हुई थी।
- यह भूटान के तीसरे राजा और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप स्वरूप इस योजना की स्थापना की गई थी।
- इस परियोजना का उद्देश्य भूटान के सामाजिक आर्थिक विकास और तरक्की को प्रभावित करने घर में में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना था।
- इस परियोजना ने 1968 में समद्रुप जोड़कर को प्रासीगग से जोड़ने वाली सड़क को पूरा किया था।
उपलब्धियां
सड़क संपर्क
- इस परियोजना के अंतर्गत पिछले कुछ वर्षों में भूटान में लगभग 16 किलोमीटर ब्लैक टॉप मार्ग तैयार किया गया है।
- भूटान में 120 किलोमीटर लंबा ट्रक और 500 मीटर लंबे बालों का अभी निर्माण किया गया है।
अन्य निर्माण
- पारो हवाई अड्डा, योनफुला एयरफील्ड
- थिम्फ-त्रासीगग राजमार्ग
- दूरसंचार और हाइड्रो पावर इन्फ्राट्रक्चर
- शेरूबसे कॉलेज
- इंडिया हाउस एस्टेट निर्माण शामिल है
चिकित्सा और शिक्षा सुविधाएं
- इस परियोजना द्वारा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पहली बार चिकित्सा और शिक्षा सुविधाएं स्थापित की गई।
- सड़क के किनारे भोजन की दुकानों में पटानी है लोगों को भारतीय व्यंजनों से परिचित कराया।
सीमा सड़क संगठन
- इस संगठन की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा वर्ष 1960 में देश के उत्तर और उत्तर-पूर्वी सीमा क्षेत्रों में सड़कों के नेटवर्क के त्वरित विकास के लिये की गई थी।
- यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है।
- यह एयरफील्ड, बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स, डिफेंस वर्क्स और सुरंग निर्माण तथा विकास जैसे विभिन्न कार्यों में संलग्न है।
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