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इतिहास - पेरिस शांति समझौता(1919-1920)

प्रथम विश्वयुद्ध का समापन करने वाली प्रधान शांति शर्तों का खाका 1919 में पेरिस में आयोजित एक सम्मेलन में खींचा गया था। कई देशों के प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्शो में भाग लिया और उनके हितों से प्रत्यक्षतया जुड़े हुए मामलों में उनकी राय ली गई थी। शांति की शर्तों के मानदण्ड बड़ी संख्या में तथाकथित 4 के संघ वाली बड़ी शक्तियों द्वारा तय किये गए थे। जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन, ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड लॉयड जॉर्ज, फ्रांस के प्रधानमंत्री जॉर्ज क्इलमांसू, और इटली के प्रधानमंत्री विट्टोरियो आॅरलैंडो शामिल थे। पराजित शक्तियों ने समझौतों में भाग नहीं लिया और उन्हें उस ढाॅचे शर्तें स्वीकार करनी थी जिसमें उन्होंने भागी ही नहीं लिया था। सोवियत रूस धुरी शक्तियों के साथ ब्रेस्ट-लितोव्स्क किशन की कर मार्च 1918 में युद्ध से हट गया था, का कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं था। शांति संधियां 1919 से 1923 के बीच हुई है विभिन्न संधियों ने अंतिम समझौते का गठन किया। वर्साय की संधि ने जर्मनी के साथ, सेंट जर्मैन की संधि ने ऑस्ट्रेलिया के साथ, नेउइली की संधि ने बल्गेरियाई के साथ, ट्राय