पृथ्वी की आंतरिक संरचना शल्कीय है। इन परतो की मोटाई का सीमांकन रसायनिक अथवा यांत्रिक विशेषताओं के आधार पर किया जाता है पृथ्वी के धरातल का विन्यास मुख्यतः पृथ्वी के आंतरिक भाग में होने वाले प्रक्रियाओं के फलस्वरुप है। पृथ्वी की आंतरिक जानकारी के स्रोत पृथ्वी की त्रिज्या लगभग 6370 किलोमीटर है। पृथ्वी की आंतरिक परिस्थितियों की वजह से यह संभव नहीं है कि कोई पृथ्वी के केंद्र तक पहुंचकर उसका निरीक्षण तथा वहां के पदार्थ का नमूना प्राप्त कर सकें। पृथ्वी की आंतरिक संरचना के संदर्भ में हमारी ज्यादातर जानकारी और ओक्स रूप से प्राप्त अनुमानों पर आधारित है। फिर भी इस जानकारी का कुछ भाग प्रत्यक्ष प्रक्षणों और पदार्थों के विश्लेषण पर भी आधारित हैं। प्रत्यक्ष स्रोत खनन खनन प्रक्रिया से धरातलीय चट्टानों की जानकारी प्राप्त होती है। अभी तक का सबसे गहरा प्रवेधन (Drill) आर्कटिक महासागर में कोयला क्षेत्र में 12 कि॰मी॰ की गहराई तक किया गया है। इससे अधिक गहराई में जा पाना संभव नहीं है। अधिक गहराई पर तापमान भी अधिक होता है। ज्वालामुखी ज्वालामुखी प्रत्यक्ष जानकारी ...
Education Pointer is a new way of learning. In this blog we write short notes on different subjects.Our motto is to understand more in less words