वाणिज्यिक बैंक- यह एक संस्था है जो कि लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से जमा स्वीकार करने, ऋण देने और निवेश करने का कार्य करती है। भारत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक वाणिज्यिक बैंक के कुछ उदाहरण है। मुद्रा सृजन की प्रक्रिया द्वारा व्यापारिक बैंक साख को सृजित करने में सक्षम होते हैं जो कि आरंभिक जमाव से कहीं अधिक होता है। यह प्रक्रिया निम्न दो मान्यताओं को लेकर बेहतर तरीके से समझी जा सकती है समस्त वाणिज्यिक बैंकिंग व्यवस्था एक इकाई है और 'इसे बैंक' कहा जाता है। एक अर्थव्यवस्था में सभी प्राप्तियां और भुगतान बैंकों के माध्यम से होते हैं अर्थात सभी भुगतान चेक द्वारा होते हैं और सभी प्राप्तियां बैंकों में जमा करा दी जाती है। बैंकों में रखी जमाएं ऋण देने के लिए इस्तेमाल होती हैं परंतु बैंक अपनी सारी जमाए ऋण देने में इस्तेमाल नहीं कर सकते। बैंकों के लिए कानूनी तौर पर अपने जमाव के कुछ न्यूनतम हिस्से को कोष के रूप में रखना अनिवार्य होता है। इस हिस्से को वैधानिक कोष अनुपात(LRR) कहते हैं। वैधानिक कोष अनुपात केंद्रीय बैंकों द्वारा निर्धारित किया ज...
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